जनपद हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर में बहादुरगढ़ क्षेत्र के गांव सालारपुर और चित्तौड़ा के किसान बृहस्पतिवार की सुबह जंगल में अपने खेतों पर काम कर रहे थे। इसी बीच गन्ने के खेत से निकलकर तेंदुए ने अचानक एक के बाद एक पांच किसानों पर हमला कर दिया, जिसमें वे घायल हो गए। एक युवक ने तेंदुए पर दरांती से भी वार किया। इस दौरान किसानों ने मिलकर तेंदुए को खदेड़ दिया। सूचना मिलते ही वन विभाग समेत प्रशासन की टीम पहुंची और तेंदुए की तलाश की, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।
गांव सालारपुर निवासी योगेंद्र, होशियार सिंह और चित्तौड़ा निवासी दुष्यंत, अजय और चित्तौड़ा में अपने मामा के घर रह रहे पीयूष समेत अन्य किसान अपने-अपने खेतों पर गेहूं की फसल की कटाई कर रहे थे। इसी दौरान खेत से निकले तेंदुए ने योगेंद्र पर हमला कर दिया, उसके साथ काम कर रहे अन्य किसानों ने शोर मचाते हुए तेंदुए का सामना किया।
शोर सुनकर सभी किसान भी लाठी डंडे लेकर मौके पर पहुंच गए। जिन्होंने तेंदुए को पकड़ने की कोशिश की। तेंदुए के हमले से योगेंद्र, होशियार, दुष्यंत, अजय और पीयूष घायल हो गए। हालांकि पीयूष ने अपना बचाव करने के दौरान तेंदुए पर दरांती से हमला भी किया, जिससे तेंदुआ भी चोटिल हो गया। सूचना मिलते ही आसपास के गांवों से सैकड़ों किसान मौके पर पहुंच गए। जिन्होंने तेंदुए को खदेड़ दिया। लेकिन तेंदुआ पास के ही एक बाग में जा छिपा। घायल किसानों को डहरा कुटी स्थित चिकित्सक के यहां ले जाया गया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें घर भेज दिया गया।
लोगों का दावा है कि अभी भी तेंदुआ जंगल में छिपा है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर यह तेंदुआ पकड़ा नहीं गया तो वह किसी और किसान पर दोबारा से हमला करेगा। तेंदुए की दहशत के बीच पश्चिमी उप्र प्रदेश के मुख्य वन संरक्षक अधिकारी एके जानू ने अधीनस्थों के साथ मौके पर पहुंच कर मोर्चा संभाला। यहां पर उन्होंने टीम के साथ मिलकर जंगल में तेंदुए को तलाश किया, लेकिन टीम को कामयाबी नहीं मिल सकी।
वन क्षेत्राधिकारी करण सिंह का कहना है कि तेंदुआ अभी पकड़ा नहीं जा सका है। सर्च ऑपरेशन लगातार चलाया जा रहा है। तेंदुए को पकडने के लिए पिंजरे और सीसीटीवी कैमरे लगाए गए है। शीघ्र ही उसे पकड़ लिया जाएगा।