हापुड़ में लोकसभा चुनाव के बाद अकड़ौली गांव में जिला जेल का निर्माण शुरू हो जाएगा। टेंडर प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। सात कार्यदायी संस्थाओं ने जेल के निर्माण के लिए आवेदन किया था। आचार संहिता हटने के बाद टेंडर खोले जाएंगे। अधिकारियों के अनुसार शासन से जिला जेल के निर्माण के लिए पहली किस्त के रूप में 66.53 करोड़ रुपये मिल चुके हैं।
हापुड़ ब्लॉक के गांव अकड़ौली में 24.31 हेक्टेयर भूमि पर जिला कारागार बनने का निर्णय लिया गया था। शासन ने अकड़ौली में भूमि खरीदने के लिए 52 करोड़ 26 लाख 45 हजार 760 रुपये की स्वीकृति दी थी। इस धनराशि से जेल के लिए भूमि का अधिग्रहण हो चुका है। जिसके बाद से ही जिला कारागार के निर्माण की प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही थी। लेकिन धनराशि न मिलने के कारण निर्माण शुरू नहीं हो पा रहा था। अब इस दिशा में कार्यवाही तेज हुई है।
आचार संहिता लगने से पहले शासन ने इसके निर्माण के लिए 66.53 करोड़ की धनराशि जारी कर दी थी। इसके बाद जेल के निर्माण की प्रक्रिया भी शुरू करते हुए लोक निर्माण विभाग द्वारा टेंडर मांगे गए थे। जिसमें सात कार्यदायी संस्थाओं ने आवेदन किए। आचार संहिता हटने के बाद टेंडर खोले जाएंगे। सबसे कम निविदा वाली फर्म को टेंडर जारी कर दिया जाएगा। जिसके बाद जेल का निर्माण शुरू होगा।
बता दें कि वर्ष 2011 में हापुड़ जनपद का सृजन हुआ था। लेकिन अभी तक जनपद हापुड़ के बंदी गाजियाबाद के डासना जेल में शिफ्ट किए जाते हैं। जिसके कारण पुलिस और बंदियों के परिजन और रिश्तेदारों को काफी परेशानी होती थी। डासना जेल की क्षमता 1750 कैदियों की है। वहां करीब तीन हजार से अधिक कैदी है। इनमें हापुड़ जनपद के विभिन्न अपराधों में बंद करीब 1200 से अधिक कैदी है। जनपद में जिला कारागार का निर्माण होने पर डासना जेल में कैदियों का बोझ कम होगा। जेल प्रशासन के अफसर भी इसी प्रयास में लगे हैं कि जल्द से जल्द जिला कारागार का निर्माण हो सके।
मेरठ भवन डिवीजन पीडब्ल्यूडी सहायक अभियंता मनोज सिंह- ने बताया की जिला कारागार के लिए 66.53 करोड़ की धनराशि खाते में पहुंच चुकी है। टेंडर प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई थी। चुनाव आचार संहिता समाप्त होने के बाद इसका निर्माण शुरू कर दिया जाएगा।