हापुड़ जिले में मिलावटी खाद्य सामग्री को रोकने के लिए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग नमूने ले रहा है, लेकिन समय से परिणाम न आने के कारण मिलावट रुकने का नाम नहीं ले रही है। इसके कारण मिलावटखोर का मिलावट का धंधा नहीं रूक रहा है। कई महीनों बाद जाकर परिणाम आ रहे हैं।
मिलावटी खाद्य सामग्री को रोकने के लिए उठाए गए कदमों पर ही सवाल उठ रहे हैं। पिछले माह होली से पहले लगभग 25 नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए थे। इसमें दूध, दही, तेल, घी आदि के नमूने लिए गए थे। एक माह के अंदर इनकी रिपोर्ट आ जानी चाहिए थी, लेकिन अभी तक नहीं आ सकी है। इससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि मिलावट को रोकने के लिए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग नमूने लेने की कार्यवाही तो करता है, लेकिन समय से परिणाम न आने के कारण मिलावट रुकने का नाम नहीं ले रही है।
महीनों बाद परिणाम आने के बाद एडीएम न्यायालय और जिला न्यायालय में जुर्माने व अन्य कार्यवाही के लिए वाद दायर किया जाता है। इस कार्यवाही में भी छह माह से लेकर दो साल तक का समय लग जाता है। इसमें भी कई बार कम जुर्माना लगाकर छोड़ दिया जाता है। यही कारण है कि मिलावटखोर लगातार सक्रिय हैं।
सहायक आयुक्त द्वितीय महेंद्र श्रीवास्तव- ने बताया की मिलावटी खाद्य सामग्री को रोकने के लिए जिला स्तर पर नमूने लिए जाते हैं। इन नमूनों को जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा है। प्रयोगशाला से रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद ही विभाग जुर्माने की कार्यवाही करता है।