हापुड़ में अभिभावकों से मोटी फीस वसूलने के बाद भी स्कूल संचालक गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं। वे अनफिट स्कूली वाहनों को सड़कों पर दौड़ा रहे हैं। ऐसे में घर से स्कूल और स्कूल से घर तक बच्चे मौत का सफर तय करने को मजूबर हैं। स्कूलों द्वारा अभिभावकों से ट्रांसपोर्ट फीस के नाम पर मोटी रकम वसूल की जाती है। लेकिन इसके बाद भी स्कूल संचालक बच्चों के जीवन से खिलवाड़ कर अनफिट वाहनों से बच्चों को स्कूल लेकर जा रहे हैं। परिवहन विभाग ने वाहन स्वामियों को नोटिस भेजकर मानकर पूरा करने के निर्देश दिए है।
जिले में 475 छोटे-बड़े स्कूली वाहन परिवहन विभाग में पंजीकृत हैं। स्कूली वाहनों में स्कूल के नाम के साथ फर्स्ट एड बॉक्स, अग्निश्मन यंत्र आदि सुविधा होने चाहिए। लेकिन स्कूल संचालक बिना फिटनेस और मानकों को दरकिनार कर खटारा वाहनों से बच्चों को स्कूल लाने और घर छोड़ने का कार्य कर रहे हैं। कई बार ऐसे वाहन हादसे का शिकार हो चुके हैं। स्कूल संचालकों को दिशा- निर्देश देने के बाद भी कोई फायदा नहीं हुआ है।
परिवहन विभाग ने नौनिहालों की सुरक्षा को लेकर स्कूली वाहनों की जांच की तो 38 वाहन मानकों पर खरे नहीं उतर सके। जिसके बाद परिवहन विभाग ने वाहन स्वामियों को नोटिस भेजकर एक सप्ताह के अंदर फिटनेस व अन्य मानक पूरा करने का समय दिया है। अगर इसके बाद भी वाहन दौड़ते मिले तो वाहन स्वामी के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी और वाहन को सीज किया जाएगा।
एआरटीओ रमेश कुमार चौबे का कहना है कि बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं किया जाएगा। बिना फिटनेस स्कूली वाहनों के साथ अन्य वाहनों का संचालन भी नहीं होने दिया जाएगा। इसके लिए जल्द अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी।