जनपद हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर गांव पावटी के जंगल में तेंदुए ने एक निराश्रित पशु का शिकार कर अपना निवाला बना लिया। पशु का कंकाल गांव के जंगल में सड़क किनारे पड़ा मिला। तेंदुए की आमद से ग्रामीणों में दहशत है। ग्रामीणों ने तेंदुए को पकडने की मांग की है। वन विभाग के अधिकारी मामले की जानकारी से इन्कार कर रहे हैं।
रविवार की सुबह को गांव पावटी के किसान जंगल से पशुओं का चारा लेने के लिए गए थे। जैसे ही वह गांव के जंगल में पहुंचे तो देखा कि सड़क किनारे एक निराश्रित पशु का कंकाल पड़ा हुआ है। जंगली जानवर ने उसके पेट को बुरी तरह से फाड़ रखा था। पशु के शव को देखकर ग्रामीण सकते में आ गए। जंगल में तेंदुए की चहलकदमी से ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है।
ग्रामीण कालू सिंह का कहना है कि गांव के जंगल समेत आसपास के क्षेत्र में काफी समय से तेंदुआ है। उनका कहना है कि पहले भी गांव के जंगल में तेंदुए की आमद हुई है, पहले भी तेंदुआ दिखाई दे चुका है। कई बार वन विभाग को सूचना दी जा चुकी है, लेकिन विभागीय कर्मी केवल खानापूर्ति कर लौट जाते हैं, ग्रामीणों ने मांग की है कि वन विभाग के अधिकारियों को जंगल में पिंजरा लगाकर तेंदुए को पकडने के लिए ठोस कदम उठाना चाहिए।
वहीं, तेंदुए के जंगल में होने की जानकारी पर ग्रामीण अब खेतों पर अकेले जाने से कतरा रहे है। रेंजर करण सिंह ने बताया कि अभी तक विभाग को कोई सूचना नहीं मिल सकी है, इसके बावजूद टीम भेजकर मामले की जांच कर कार्यवाही की जाएगी।