गढ़मुक्तेश्वर में लोकसभा चुनाव की सरगर्मी अब धीरे धीरे बढने लगी है। दूसरे चरण में गढ़-अमरोहा लोकसभा सीट पर चुनाव होगा। इस बार चुनाव में इस्तेमाल होने वाली ईवीएम व वीवीपैट पर जीपीएस से नजर रखी जाएगी, क्योंकि जिन वाहनों में इन मशीनों को रखा जाएगा, उनमें जीपीएस लगाया जाएगा।
ईवीएम के उपयोग संबंधी जितने भी कार्य होंगे, उनमें सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को बुलाया जाएगा। ईवीएम को मतदान केंद्रों में भेजने से पहले भी सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में इन्हें सील किया जाएगा।
लोकसभा चुनाव में ईवीएम और वीवीपैट की सुरक्षा पर कड़ी नजर होगी। चुनावों में ईवीएम का इस्तेमाल किया जा रहा है। वीवीपैट मशीन पर मतदाता यह देख सकता है कि जो वोट उसने डाला है, वह किस प्रत्याशी को गया है।अक्सर चुनाव में हार के बाद प्रत्याशी ईवीएम पर सवाल उठाते हैं। इसे देखते हुए चुनाव आयोग ईवीएम के इस्तेमाल में पूरी पारदर्शिता बरतने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार जीपीएस लगे वाहन अथवा मोबाइल एप आधारित जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम के माध्यम से ईवीएम और वीवीपैट की आवाजाही की निगरानी सुनिश्चित की जाएगी।
इसके लिए वेब पोर्टल अथवा मोबाइल एप के माध्यम से ईवीएम और वीवीपैट की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय, में ईवीएम नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाएगा। यहां से ईवीएम वाले वाहनों पर लगातार नजर रखी जाएगी और इसकी रिकॉर्डिंग भी होगी, जिससे यह पता चल सकेगा कि वाहन किस रास्ते से कहां तक गए हैं। ऐसे प्रयोग करने का मकसद है, लोगों के मन में मतदान प्रक्रिया की पारदर्शिता को लेकर विश्वास बढ़ाना है।एसडीएम साक्षी शर्मा ने बताया कि चुनाव निर्वाचन आयोग ने निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए कई कठम उठाए हैं।