हापुड़ में ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बने आरोग्य मंदिरों में चिकित्सकों का टोटा है। 9 सीएचओ छोड़कर चले गए हैं। अब 181 के सापेक्ष सिर्फ 127 में ही उपचार की सही व्यवस्था है। 54 केंद्र एएनएम के सहारे चल रहे हैं। कई पर ताला भी लटका है। सरकारी अस्पतालों का साथ विशेषज्ञ चिकित्सक भी छोड़ रहे हैं।
उप स्वास्थ्य केंद्रों को आयुष्मान केंद्र में तब्दील किया गया, फिर इन केंद्रों का नाम आरोग्य मंदिर कर दिया गया। हर आरोग्य मंदिर में एक कंप्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) नियुक्त किया जाना प्रस्तावित है। इसी क्रम में हापुड़ के केंद्रों पर 136 सीएचओ नियुक्त किए गए। ट्रेनिंग करायी गई, जरूरत होने पर विशेषज्ञ चिकित्सकों से ऑनलाइन जुड़कर उपचार देने का प्रशिक्षण भी दिया गया। लेकिन किन्हीं कारणों से 9 सीएचओ ने आरोग्य मंदिरों से किनारा कर लिया। वर्तमान में 181 केंद्रों में 54 केंद्र ऐसे हैं, जो एएनएम के सहारे चल रहे हैं। ग्रामीण अंचल में ऐसे बहुत से केंद्रों पर ताला लटका रहता है, इससे स्वास्थ्य सेवाएं डगमगा रही हैं।
जिला अस्पताल की अस्थि रोग विशेषज्ञ निजी प्रैक्टिस करती पकड़ी गईं, इसके बाद उन्होंने किनारा कर लिया। त्वचा रोग, हड्डी रोग विशेषज्ञ भी इन अस्पतालों से सेवाएं छोड़ चुके हैं।
सीएमओ डॉ.सुनील त्यागी- ने बताया की जिन आरोग्य मंदिरों में सीएचओ नहीं हैं, उनमें जल्द नियुक्ति होगी। आवश्यक जांच के साथ मरीजों को बेहतर उपचार मिल रहा है। इसमें और भी सुधार किया जाएगा।