हापुड़ में बदलता मौसम लोगों को बीमार बना रहा है। तापमान में उतार-चढ़ाव के साथ वायरल के मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं। वायरल से पीड़ित मरीजों में चिकनगुनिया जैसे लक्षण दिख रहे हैं। पूरे शरीर में तेज दर्द मरीजों को परेशान कर रहा है। आमतौर पर पांच से छह दिनों में ठीक होने वाले मरीज 10 से 12 दिन तक जूझ रहे हैं। डायरिया और पेट का दर्द भी परेशानी का सबब बन रहा है।
सोमवार को हापुड़ सीएचसी और जिला अस्पताल की ओपीडी में करीब 3600 से अधिक मरीजों ने चिकित्सकों से परामर्श लिया। जिसमें करीब 800 से अधिक मरीज वायरल के थे। ओपीडी में चिकित्सकों ने बताया कि इस मौसम में बुखार का सबसे ज्यादा प्रकोप होता है। बीते एक सप्ताह में वायरल के मरीजों की संख्या डेढ़ गुना तक बढ़ी है।
इन्हें बुखार के साथ ही हाथ-पैर, कमर, गर्दन, पीठ और मांसपेशियों में दर्द भी था। ऐसा चिकनगुनिया में होता है, जो मरीज समय पर उपचार लेना शुरू कर देते हैं उन्हें भी स्वस्थ होने में दस दिन तक का समय लग रहा है। खांसी और खराश कई दिनों तक परेशान कर रही है। अगर बुखार आ रहा है और दर्द है, लेकिन जुकाम-खांसी नहीं है तो डेंगू का खतरा हो सकता है। ऐसे मरीजों की जांच कराई जा रही है।
इस समय वायरल का प्रकोप अधिक है। बड़ी संख्या में बच्चे ओपीडी में आ रहे हैं। जिला अस्पताल और सीएचसी की ओपीडी के बाल रोग विभाग में 250 से अधिक मरीज आए। इनमें 180 बच्चे वायरल बुखार से ग्रस्त थे। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. समरेंद्र राय ने बताया कि इस मौसम में बच्चों में तेज बुखार और पेट दर्द की समस्या सबसे अधिक है। तेज बुखार में बच्चे का शरीर गुनगुने पानी से साफ करें।
इससे रक्त कोशिकाओं की सिकुड़न कम होती है। रक्त संचार तेजी से होता है। तापमान भी कम कम होता है। बच्चों को प्रदूषण से दूर रखें। तरल पदार्थों का सेवन करें। गर्म कपड़े पहनाएं। परिजनों को बच्चों की सेहत को लेकर विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। जरा सी भी लापरवाही आपको बीमार कर सकती है।
इसका रखें ध्यान :
- ठंडे पदार्थ खाने पीने से बचें।
- मच्छरों से बचाव करें।
- पूरी बाजू के कपड़े पहनें।
- बुखार आने पर चिकित्सक से सलाह लें।
- चिकित्सीय परामर्श से ही दवा लें।