जनपद हापुड़ में हिट एंड रन के नए कानून के विरोध में मंगलवार को दूसरे दिन रूटों पर 80 फीसदी बसों का संचालन नहीं हुआ। लंबे रूटों पर भी चालकों ने बसें ले जाने से इन्कार कर दिया। ऐसे में यात्रियों को भटकना पड़ा। हिट एंड रन कानून के विरोध में ट्रांसपोर्ट में लगे अधिकांश ट्रकों का चक्का जाम रहा।
संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट में नियम लागू किए जाने के विरोध में मंगलवार को भी ट्रक, कैंटर, टैंकर, सरकारी और प्राइवेट बस चालकों ने लामबंद होकर वाहनों का चक्का जाम कर दिया। हड़ताल के चलते सरकारी बसें रोडवेज डिपो में खड़ी रहीं। बसों का संचालन न होने के कारण सुबह के समय नौकरी, व्यवसाय पर जाने वाले लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी। अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए यात्री इधर उधर भटकते रहे।
दिल्ली रोड स्थित ट्रक यूनियन में भी ट्रक चालकों ने नए कानून के विरोध में प्रदर्शन किया। हापुड़ पब्लिक कैरियर एसोसिएशन की देर शाम बैठक में ट्रक चालकों को समझाने का प्रयास जारी था, लेकिन चालक काफी हद तक मानने को तैयार नहीं दिखे।
दोपहर बाद रोडवेज डिपो से मोदीनगर, किठौर, कौशांबी और नोएडा मार्ग पर बसों का संचालन शुरू किया गया। लेकिन बरेली, लखनऊ, हल्द्वानी सहित विभिन्न लंबे रूटों पर बसों का ले जाने से चालकों ने इन्कार कर दिया, इस कारण इन मार्गों पर यात्रियों को राहत नहीं मिल सकी। इसके साथ ही निजी बस संचालकों द्वारा मेरठ, बुलंदशहर, गढ़ और दिल्ली मार्ग पर 20 फीसदी बसों का संचालन शुरू किया। बसों का संचालन शुरु होते ही सीट पाने के लिए यात्रियों में मारामारी मची रही, बसों की कमी से यात्री बसों के पीछे दौड़ते नजर आए।
नए कानून के विरोध में चालकों की हड़ताल के बाद रोडवेज बसों के भी पहिए थम गए है। हापुड़ रोडवेज डिपो से विभिन्न मार्गों पर 112 बसों का संचालन बंद हो गया। मंगलवार दोपहर से लोकल मार्गों पर करीब 20 फीसदी बसों का ही संचालन शुरू हो सका, डिपो को करीब 35 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। गढ़ डिपो से 108 बसों का संचालन होता है। दस फीसदी बसों ही चल सकीं दो दिन में करीब 25 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।