हापुड़ में पिछले दिनों सिंभावली चीनी मिल के गोदाम से पुराने स्टॉक की करीब 71 हजार क्विंटल चीनी एक फर्म को करीब 3550 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बेच दी गई। जोकि बाजार भाव से करीब 300 रुपये प्रति क्विंटल कम बताई जा रही है। इसकी जानकारी गन्ना विभाग को होने पर मामला गरमा गया है। डीसीओ और गन्ना समिति के सचिव ने आईआरपी को नोटिस जारी कर, जवाब मांगा गया है।
सिंभावली शुगर ग्रुप और बैंकों के बीच ऋण, देनदारी का मामला एनसीएलटी कोर्ट में विचाराधीन है। बृहस्पतिवार को भी इस मामले में सुनवाई हुई, लेकिन फिर से तारीख लगी है। पिछले दिनों मिल प्रबंधन को रद्द कर दिया गया था, जिसमें मिल को पार्सियल स्टे भी मिला। बहरहाल पैसों का पूरा हिसाब अभी भी आईआरपी ही देख रहे हैं।
गन्ना विभाग का दावा है कि जिस समय चीनी की बिक्री हुई, उस समय बाजार मूल्य करीब 3850 रुपये क्विंटल था। पुराने स्टॉक में चीनी सुपर मॉशर (नमी वाली) रही होगी, फिर भी बाजार मूल्य से करीब 300 रुपये कम पर बिक्री किया जाना सवाल खड़े कर रहा है। मामला 71 हजार क्विंटल चीनी से जुड़ा होने के कारण इस व्यवसाय से जुड़े कारोबारियों में भी अलग-अलग चर्चाएं हैं।
इस मामले में गन्ना विभाग की ओर से डीसीओ, गन्ना समिति हापुड़, सिंभावली के सचिव ने आईआरपी को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। स्पष्टीकरण मिलने पर ही इस मामले की सच्चाई सामने आएगी। बता दें कि सिंभावली चीनी मिल में अभी भी करीब 21337 क्विंटल और ब्रजनाथपुर चीनी मिल में 7250 क्विंटल पुरानी चीनी भंडारित है।
जिला गन्ना अधिकारी सना आफरीन खान- ने बताया की पुरानी चीनी की बिक्री 3550 रुपये क्विंटल की दर से किए जाने का मामला संज्ञान में आया है। जोकि बाजार मूल्य से कम दाम है। इस संबंध में नोटिस जारी कर, जवाब मांगा गया है। समिति सचिवों ने भी नोटिस दिया है, जवाब मिलने पर ही कुछ कहा जा सकेगा।