हापुड़ के गढ़ क्षेत्र में गंगा एक्सप्रेसवे किनारे चिन्हित औद्योगिक गलियारे के लिए प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दी है। औद्योगिक क्षेत्र जल्द से जल्द विकसित हो सके, इसके लिए अन्य गतिविधियों के साथ किसानों के बैनामे कराए जा रहे हैं। अभी तक 70 किसानों के बैनामे कराए जा चुके हैं। एसडीएम ने बाकि किसानों से समय से बैनामा कराने की अपील की है।
उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) द्वारा गढ़ में गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे की भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। गांव बाहपुर ढेहरा, चचावली व बहना सदरपुर की जमीन में औद्योगिक गलियारा बन रहा है। यहां करीब 900 किसानों की 118 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होना है। शासन ने फरवरी के पहले सप्ताह में 25 करोड़, मार्च के पहले सप्ताह में आचार संहिता लगने से भी 25 करोड़ रुपये जारी किए थे। जिसके बाद से बैनामे की प्रक्रिया चल रही है। अभी तक 70 बैनामे किए जा चुके हैं। लेकिन कुल किसानों को देखते हुए यह प्रक्रिया धीमी चल रही है। जबकि प्रशासन की मंशा से चुनाव परिणाम के बाद इस दिशा में तेजी से कार्य किया जाए और इस क्षेत्र को जल्द से जल्द विकसित किया जाए। ऐसे में बैनामा करने वाले किसानों को बैनामा कराने के लिए जागरूक किया जा रहा है।
गढ़मुक्तेश्वर में गांव भैना-सदरपुर के ग्राम पंचायत भवन में बैठक करते हुए एसडीएम साक्षी शर्मा ने किसानों से कहा कि प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना में शामिल गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण मेरठ जिले के बिजौली गांव से शुरू हुआ है। यह एक्सप्रेसवे प्रयागराज तक जाएगा। इस हाईवे के निर्माण के लिए सरकार काफी सजग है। 2025 तक हाईवे का निर्माण पूरा होना है।
उन्होंने बताया कि एक्सप्रेसवे किनारे औद्योगिक गलियारा बनेगा। इसको लेकर किसानों की 126 हेक्टेयर भूमि को अधिग्रहण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि औद्योगिक गलियारा बनने से क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिलेगा। विभिन्न कंपनियों के आने से अन्य रोजगार के साधन भी बढ़ेंगे। जिन किसानों की भूमि अधिग्रहण में गई है, वह अपनी-अपनी भूमि का बैनामा कराएं। उन्होंने कहा कि जितनी जल्दी कार्य पूरा होगा उतनी ही जल्दी रोजगार मिल सकेगा।