हापुड़, अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) ज्ञानेंद्र सिंह यादव की अदालत ने 12 वर्षीय किशोरी के अपहरण और छेड़छाड़ के दोषी को पांच वर्ष के सश्रम कारावास और 15,000 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। साथ ही, पीड़िता के पुनर्वास के लिए 25,000 रुपये की प्रतिकर राशि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को देने के निर्देश दिए गए हैं।
📌 मामले का विवरण:
पिलखुवा कोतवाली क्षेत्र के एक मोहल्ला निवासी व्यक्ति ने 11 अगस्त 2022 को दर्ज कराई FIR में बताया था कि उसकी 12 वर्षीय बेटी दूध लेने निकली थी, तभी किराए पर रहने वाला युवक पवन उसे जबरन ले गया। कुछ समय बाद किशोरी रोते हुए लौटी, उसके कपड़े फटे हुए थे और वह बुरी तरह घबराई हुई थी।
जब परिजन आरोपी के पास पहुंचे, तो वह फरार हो चुका था। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज कर पवन को गिरफ्तार किया। जांच पूरी होने के बाद आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया गया।
⚖️ अदालती फैसला:
सुनवाई के दौरान न्यायालय ने आरोपी को दोषी माना और पॉक्सो एक्ट के तहत उसे सजा सुनाई। कोर्ट ने यह भी कहा कि पीड़िता के मानसिक और सामाजिक पुनर्वास के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से 25,000 रुपये की प्रतिकर राशि प्रदान की जाए।
✅ मुख्य बिंदु:
- 12 वर्षीय बच्ची के अपहरण और छेड़छाड़ का मामला
- आरोपी पवन को 5 साल का सश्रम कारावास
- 15,000 रुपये का अर्थदंड
- 25,000 रुपये पीड़िता के पुनर्वास के लिए प्रतिकर