हापुड़ जिले में ब्रिटिश काल के बने पुल जर्जरा हालत में हैं। जिनमे 43 जर्जर पुलों की मरम्मत होगी। रजवाहों और मध्य गंग नहर पर अंग्रेजों के जमाने के बने 42 छोटे पुलों और एक बड़े पुल की मरम्मत सिंचाई विभाग करेगा। विभाग द्वारा छोटे पुलों के लिए करीब आठ करोड़ रुपये की कार्ययोजना तैयार की गई है। जबकि बड़े पुल के लिए 1.50 करोड़ रुपये की धनराशि शासन से स्वीकृत हो चुकी है। पुलों की मरम्मत से लोगों को लाभ मिल सकेगा।
सिंचाई विभाग की अनूपशहर शाखा खंड गंगा नहर हापुड़ का कार्य क्षेत्र जनपद हापुड़ के विकासखंड सिंभावली एवं विकास खंड गढ़मुक्तेश्वर में पड़ता है। शासन से सिंचाई विभाग को निर्देश मिले थे कि ब्रिटिश कालीन नहर प्रणाली के अंतर्गत पड़ने वाले जर्जर और क्षतिग्रस्त पुलों का सर्वे कर उनकी स्थिति के बारे में जानकारी की जाए। इसकी रिपोर्ट के बाद विभिन्न रजवाहों पर बने 42 जर्जर पुलों को चिन्हित किया गया था। इन पुलों की स्थिति काफी खराब हो चुकी थी और इनसे माल वाहक वाहन लेकर गुजरना खतरों भरा था।
इसे लेकर सिंचाई विभाग द्वारा इन पुलों के निर्माण के लिए कार्ययोजना लगभग तैयार कर ली गई है। करीब आठ करोड़ रुपये की लागत से इन पुलों की मरम्मत की जाएगी। इन क्षेत्रों में होगी पुलों की मरम्मत शाखा के अन्तर्गत मध्य गंग नहर पर गांव राजपुर के निकट एक बड़े पुल की परियोजना मुख्य अभियंता समिति से स्वीकृत हो गई है। इस पुल के निर्माण में करीब 1.50 करोड़ रुपये की लागत आएगी और धनराशि मिलने के बाद इसका टेंडर निकाल दिया जाएगा। इस पुल की मरम्मत से करीब 24 गांवों के लोगों को लाभ मिल सकेगा।
अधिशासी अभियंता मनमोहन सिंह- ने बताया की जिले में काफी संख्या में पुल ब्रिटिश काल के हैं, जो जर्जरा हालत में हैं। अब इन पुलों के निर्माण की कवायद शुरू हो गई है। इसी वर्ष में इन पुलों की सौगात लोगों को मिल जाएगी।