जनपद हापुड़ में भीषण गर्मी में हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ गया है, मरीजों में इसका असर दिख रहा है। सोमवार को ऐसे 55 मरीजों का उपचार किया गया, साथ ही सीएचसी की ओपीडी में रिकॉर्ड 1963 मरीज पहुंचे, जबकि जिला अस्पताल की ओपीडी में 1211 मरीज आए। आंखों में जलन, पेट संक्रमण, बीपी की अस्थिरता और डायरिया के मरीज सबसे अधिक रहे।
फिजिशियन डॉ. प्रदीप मित्तल ने बताया कि इन दिनों अधिकतम और न्यूनतम तापमान के बीच 12 से 15 डिग्री का अंतर है। 42 डिग्री तापमान शरीर के लिए ठीक नहीं है, छोटे बच्चे और बुजुर्ग काफी सेंसेटिव होते हैं ऐसे में तापमान के संपर्क में आए कम प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग हीट स्ट्रोक की चपेट में आ रहे हैं। अस्पताल में इन दिनों इस बीमारी के मरीज बढ़ गए हैं। शरीर में पानी की कमी होने पर मरीज की हालत अधिक बिगड़ती है।
ताप्ती गर्मी में सिर दर्द होना, चक्कर आना, त्वचा व नाक का खुश्क हो जाना, ज्यादा पसीना आना, मांसपेशियों में ऐंठन व कमजोरी, उल्टी आना, ब्लड प्रेशर बढ़ना, बेहोशी आना हीट स्ट्रोक के लक्षण हो सकते है।
सोमवार को गढ़ रोड सीएचसी की ओपीडी में नए और पुराने पर्चे पर इलाज के लिए 1963 मरीज पहुंचे। पर्चा काउंटर से लेकर दवा काउंटर तक भारी भीड़ लगी रही। चिकित्सकों की कमी के कारण उपचार के लिए मरीजों को काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा। आलम यह रहा कि अस्पताल से उपचार पाकर घर लौटने में मरीजों को तीन घंटे से भी अधिक समय लगा।
भीषण गर्मी से नेत्र रोगियों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। आंखों में जलन से मरीजों का बुरा हाल है, ताप्ती गर्मी से लोगों की आंखों में जलन, पानी आना आम समस्या बन गई है। इनका उपचार कराने के लिए 96 मरीज ओपीडी में पहुंचे। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. अतुल आनंद ने बताया कि भीषण गर्मी में नेत्र रोगी आंखों को बार -बार साफ पानी से धोएं। बाहर निकले समय चश्मा जरूर लगाएं।
जनरल ओपीडी में आने वाले अधिकांश मरीजों ने पेट में जलन और सिर में दर्द की परेशानी बताई। डॉ. अशरफ ने बताया कि गलत खानपान और शुष्क मौसम की वजह से यह बीमारी बढ़ रही है। अधिक पानी का सेवन राहत दिलाएगा।
हापुड़ सीएमओ डॉ सुनील त्यागी- ने बताया की जिले के सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त दवाएं हैं, गर्मी के बढ़ते प्रकोप में मरीजों को सावधान रहने की जरूरत है। चिकित्सकों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं, जिन मरीजों को भर्ती करने की जरूरत है उन्हें सेवा दी जाएगी।