हापुड़ – जिला अस्पताल और सीएचसी में तैनात 41 आउटसोर्स सुरक्षाकर्मियों को सेवा से हटा दिया गया है, जिससे कर्मचारियों में गहरी नाराज़गी है। इन सुरक्षाकर्मियों का आरोप है कि उन्हें नौकरी दिलाने के लिए दो से ढाई लाख रुपये तक खर्च करने पड़े और वादा किए गए 18 हजार रुपये मासिक मानदेय के बदले केवल नौ हजार रुपये ही मिल रहे थे।
पीड़ित सुरक्षाकर्मियों ने बताया कि अधिकतर कर्मियों को नौकरी किए हुए एक वर्ष भी पूरा नहीं हुआ था, और अब बिना पूर्व सूचना के सेवा समाप्त कर दी गई है। मंगलवार को उन्होंने सदर विधायक और मुख्य चिकित्साधिकारी (CMO) को ज्ञापन सौंपा।
💬 क्या बोले कर्मचारी
सुरक्षाकर्मियों ने बताया कि नौकरी पाने के लिए उन्हें भारी कर्ज लेना पड़ा, और अब ब्याज तक चुकाने की स्थिति में नहीं हैं। अधिकांश कर्मचारी हापुड़ जिले के निवासी हैं और मजदूर वर्ग से आते हैं। नौकरी जाने से उनका आर्थिक संतुलन पूरी तरह बिगड़ गया है।
⚖️ प्रशासन की स्थिति
इस संबंध में सीएमओ डॉ. सुनील त्यागी ने स्पष्ट किया कि सुरक्षाकर्मियों की नियुक्ति स्वास्थ्य विभाग द्वारा नहीं, बल्कि आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से की गई थी। उन्होंने कहा:
“इनकी नियुक्ति प्रक्रिया से विभाग का कोई अधिकारी नहीं जुड़ा है। आउटसोर्स एजेंसी का टेंडर आगे नहीं बढ़ाने का आदेश ऊपर से आया है। डीएम से चर्चा हुई है, उन्होंने शासन को पत्र भेजने की बात कही है।”
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📌 मुख्य बिंदु:
- सेवा से हटाए गए कर्मियों की संख्या: 41
- वादा किया गया मानदेय: ₹18,000
- वास्तविक भुगतान: ₹9,000
- नौकरी दिलाने के लिए वसूली गई राशि: ₹1.5–2.5 लाख
- मामला पहुंचा: सदर विधायक और सीएमओ तक
📣 निष्कर्ष
सुरक्षाकर्मियों की इस पीड़ा ने न केवल बेरोजगारी की मार झेली है, बल्कि प्रशासनिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े किए हैं। अब यह देखना बाकी है कि शासन स्तर पर इस मामले में क्या कार्यवही होती है।