जनपद हापुड़ में हवा खतरनाक श्रेणी में बनी हुई है, जिले में प्रदूषण का स्तर 371 पहुंच गया है। आंखों में जलन व गले में खराश के 389 मरीज अस्पताल पहुंचे।
सोमवार को सुबह शाम के अलावा दिन में भी वातावरण में धुंध छाई रही और लोगों को सांस लेने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बढ़ते प्रदूषण से जिले में लोगों को शारीरिक दिक्कतें हो रही हैं। आंखों में जलन, खुजली के लिए जुकाम के रोगी बढ़ गए हैं। घर से निकलने पर लोग अत्यधिक छींक रहे हैं। पराली के जलने और बढ़ती ठंड के साथ जिले की आबोहवा लगातार खतरनाक बनी हुई है। शुक्रवार को शहर में प्रदूषण का स्तर कुछ कम जरूर रहा, लेकिन इसके बावजूद अधिकतम एक्यूआई 370 दर्ज किया गया।
चिकित्सकों के मुताबिक, प्रदूषण आंखों में जलन का मुख्य कारण है। इन दिनों वातावरण में प्रदूषण का स्तर बढ़ा है। प्रदूषण से आंखों के ड्राई होने के मामले भी आने लगे हैं। इस बीमारी से लोगों को न केवल असुविधा होती है बल्कि नजर भी कमजोर हो जाती है। इसके अलावा आंखों में इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। सोमवार को भी ओपीडी में इस प्रकार के 211 मरीज पहुंचे। वहीं, गले में खराश के 178 मरीज आए। जिला अस्पताल व निजी अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
नेत्र चिकित्सक डॉ अतुल आनंद कहते हैं कि इस मौसम में सेहत की विशेष देखभाल की आवश्यकता है। खासकर आंखों का अधिक ख्याल रखें। उधर पिछले कई दिन से हालात खराब होने के बाद अब प्रशासन जागा है। शुक्रवार को नगर पालिका ने शहर के विभिन्न हिस्सों, सड़कों पर छिड़काव किया।
एडीएम संदीप कुमार बताया कि प्रदूषण ने की स्थिति को देखते हुए नगर पालिकाओं को अपने अपने क्षेत्र में पानी के छिड़काव करने, प्रदूषण का कारण बन रहे लोगों के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए निर्देशित कर दिया गया है। सोमवार को विभागों ने अपने अपने स्तर से सतर्कता शुरू कर दी है। जल्दी ही इसके सुखद परिणाम सामने आएंगे।