हापुड़ जिले के 32 हजार नलकूप किसानों को महीने में सिर्फ 1045 यूनिट (10 एचपी क्षमता) ही मुफ्त मिलेंगी। इसके ऊपर बिजली खपत पर टैरिफ के अनुसार भुगतान करना होगा। पंजीकरण से पहले मीटर लगाने की अनिवार्यता रखी गई है, जिसके कारण अभी तक एक भी किसान पंजीकरण करने नहीं पहुंचा है। बिलिंग भी त्रेमासिक होगी, टैरिफ की दरों को लेकर विभाग का संबंधित पटल खुद भी गुमराह हो रहा है।
अब निशुल्क बिजली के आदेश में भी मीटर की अनिवार्यता को सबसे ऊपर रखा गया है। फिक्स्ड चार्जेज 10एचपी क्षमता वाले नलकूपों का मुफ्त रखा गया है, लेकिन 10 एचपी से अधिक वालों को सिर्फ इसमें 50 फीसदी ही छूट मिलेगी। इसके अलावा 1045 यूनिट प्रतिमाह तक ही मुफ्त बिजली दी जाएगी, इसके ऊपर यूनिट खर्च होने पर टैरिफ के अनुसार किसानों को भुगतान करना होगा। जबकि जिन किसानों के यहां मीटर लगे हैं उनकी महीने में तीन हजार तक यूनिट भी फुंक जाती हैं। दिलचस्प बात यह है कि विभाग के संबंधित पटल को भी टैरिफ के अनुसार कितना चार्ज लगेगा, इसकी जानकारी नहीं है।
किसानों के पूछे जाने पर वह 85 रुपये प्रति एचपी के हिसाब से लिए जाने वाले शुल्क को ही बता पाते हैं। बहरहाल, मुफ्त बिजली के लिए मीटर की अनिवार्यता और फिर 1045 यूनिट से अधिक खपत पर चार्ज लिए जाने की शर्त से किसान असंतुष्ट हैं। किसानों का कहना है कि मीटर लगाने के लिए ही इस तरह का आदेश जारी किया गया है। जिसका किसानों को खास लाभ नहीं होगा।
अधीक्षण अभियंता अवनीश कुमार- ने बताया की नलकूपों को प्रति माह 1045 यूनिट मुफ्त बिजली मिलेगी, इसके ऊपर खपत पर टैरिफ के अनुसार भुगतान करना होगा। योजना का लाभ पाने के लिए पंजीकरण जरूरी है, जिसमें मीटर की अनिवार्यता भी रखी गई है।