हापुड़ में झमाझम बारिश से तीन हजार हेक्टेयर में लगी बंदगोभी की तीस फीसदी फसल बर्बाद हो गई है, खेतों में जलभराव से फसल में गलन और ब्लाइट लगने का खतरा है। किसानों ने पिछले महीने ही 33 हजार रुपये प्रति किलो की दर से बीज लेकर इसकी रोपाई की थी। जिन्हें करीब आठ करोड़ के नुकसान का अनुमान है।
खेतों में बारिश का पानी भरने से जिले में बंदगोभी की फसल चौपट हो गई है। जिले में हर साल करीब तीन हजार हेक्टेयर रकबे में बंदगोभी की खेती की जाती है। यहां से विभिन्न प्रदेश व जिलों में गोभी की सप्लाई होती है। जुलाई महीने में किसानों ने इसकी बुवाई शुरू की थी। लेकिन इसके बाद से लगातार बारिश ने फसल को बर्बाद कर दिया। किसानों ने खेतों की जुताई कर अगस्त में फिर से नई पौध लगाई, जिसे अब खेतों में रोपा गया था। लेकिन दो दिन से हो रही झमाझम बारिश ने किसानों के अरमानों पर फिर से पानी फेर दिया।
बारिश की वजह से बंद गोभी उगाने वाले किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ा है। गोभी की अधिकांश फसल पानी में डूब गई। किसान खेतों से पानी निकालने में जुटे रहे। एक महीने के पौधे में जलभराव से गलन फैलने का खतरा है, दो दिन और बारिश के आसार हैं। ऐसे में फसल को बचाना मुश्किल है। इसके अलावा बादल छंटने पर चटक धूप में पौधे के झुलसने और ब्लाइट का प्रकोप भी किसानों की नींद उड़ा रहा है।
50 से अधिक गांवों के किसान इस फसल से जुड़े हैं, जिन्हें करीब आठ करोड़ के नुकसान का अनुमान है।
डीएचओ डॉ. हरित कुमार- ने बताया की बारिश से बंदगोभी की फसल को नुकसान हुआ है। गांवों में जाकर इसका जायजा लिया जा रहा है। लगातार बारिश बंदगोभी की छोटी फसल के लिए अच्छी नहीं है। किसान खेतों में भरा पानी निकालने का प्रयास करें।