हापुड़ में प्रयागराज में 15 जनवरी से शुरू होने वाले माघ मेले पर स्नान के लिए जिले की 30 फैक्टरियां बंद रहेंगी। प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने इन सभी को नोटिस जारी किए हैं। गंगा को प्रदूषित करने वाली इन फैक्टरियों की अधिकारियों द्वारा लगातार निगरानी की जा रही है। रोस्टर के अनुसार इन्हें 24 दिन बंद रखने के आदेश दिए गए हैं। डीएम की ओर से स्थलीय निरीक्षण कर इसकी निगरानी के लिए कमेटी का गठन किया गया है।
हर साल शुरू होने वाले माघ मेले को लेकर सरकार गंगा को प्रदूषित होने से बचाने के लिए निर्देश जारी करती है। इस बार सख्त कदम उठाते हुए प्रदूषण फैलाने वाली फैक्टरियों को बंद करने के आदेश दिए हैं। सरकार के निर्देश पर प्रदूषण नियंत्रण विभाग की टीम ने कमेटी बनाकर फैक्टरियों की निगरानी की थी। जिसके आधार पर गंगा किनारे की ऐसी 30 फैक्टरियों को चिन्हित किया गया है, जिनसे गंगा का जल दूषित हो सकता है। इनमें 340 फैक्टरियां गाजियाबाद की भी शामिल हैं। इन सभी को नोटिस जारी करते हुए बंद करने के आदेश दिए हैं। अगर कोई फैक्टरी संचालक नियमों का उल्लंघन करता है तो उस पर कार्यवाही की जाएगी।
गंगा मैली न हो इसके लिए शासन के आदेश पर जिला प्रशासन द्वारा फैक्टरियों की निगरानी भले ही की जा रही हो, लेकिन लाखों रुपये की लागत से गढ़ ब्रजघाट में बने एसटीपी अभी भी सिस्टम की लापरवाही से बंद पड़े हैं। इसके अलावा गंगा गिरने वाली काली नदी, छोइया का गंदा पानी भी किसी न किसी रूप में गंगा में जाकर गिर रहा है। ऐसी स्थिति में अधिकारियों की गंभीरता पर सवाल उठ रहे हैं।
क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण विभाग के सहायक अभियंता विपुल कुमार ने बताया कि माघ मेले को लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है। मेला फरवरी के अंत तक चलेगा। इस दौरान चिन्हित फैक्टरियों की निगरानी कर यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसी भी प्रकार से गंगा दूषित न होने पाए। अधिकारियों की टीम स्थलीय निरीक्षण किया जा रहा हैं।