जनपद हापुड़ में आयुष्मान भारत योजना में शामिल जिले के 23 हजार लोगों के कार्ड निरस्त कर दिए गए हैं। इन पात्रों के आईडी और सूची में दर्ज नाम में समानता नहीं मिली। बहुत से कार्ड माफियाओं ने फर्जी तरीके से भी जारी किए, जो अस्पताल में भर्ती मरीज की संस्तुती के दौरान पकड़ में आए।
वर्ष 2018 में आयुष्मान भारत योजना शुरू हुई थी। पुरानी जनगणना के अनुसार ही हापुड़ के 59234 परिवारों को योजना में शामिल किया गया था। पूरे परिवार के गोल्डन कार्ड बनाए जाने थे। केंद्र से आई सूची में स्थानीय स्तर पर कोई नया नाम नहीं जोड़ा जा सकता है। लेकिन माफियाओं ने इसमें भी सेंधमारी कर दी और लोगों के फर्जी कार्ड बनाए।
इन पात्रों के आधार कार्ड और सूची में दर्ज नाम में समानता नहीं मिली, 2.60 लाख पात्रों की सूची में से निरस्त कार्डों का मिलान नहीं हो सका। बहरहाल, 23 हजार पात्रों से जुड़े रिकॉर्ड का सत्यापन शुरू कर दिया गया है। हापुड़ में इस मामले में एक एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी।
जांच में यह भी सामने आया कि माफियाओं ने पात्रों के नाम से अन्य लोगों के कार्ड बना दिए। लेकिन माता पिता या पता गलत हो गया, गोल्डन कार्ड बनाने से पहले जब इनकी जांच की गई तो फर्जीवाड़ा सामने आया।
हापुड़ सीएमओ डॉ.सुनील त्यागी- ने बताया की आयुष्मान योजना में शासन से मिली पात्रता सूची और संबंधित की आईडी का मिलान किया जा रहा है। इसमें नाम, पता, माता पिता का नाम गलत मिलने पर कार्ड निरस्त किए जा रहे हैं, जो वास्तव में मात्र हैं सर्वे कर उनके कार्ड बनवाए जा रहे हैं।