जनपद हापुड़ में सरकारी लैब ने इस साल 227 मरीजों में एलाइजा टेस्ट के बाद डेंगू की पुष्टि की है, 10 साल में दूसरी बार डेंगू का जिले में इतना प्रसार हुआ है। वैरिएंट पहचान के लिए सैंपल भेजे गए हैं, जिसकी रिपोर्ट अभी नहीं आई है। प्राइवेट अस्पतालों ने अपनी रिपोर्ट में हजारों मरीजों को डेंगू बताया, हालांकि वह जांच स्वास्थ्य विभाग ने मान्य नहीं की।
हर साल डेंगू कहर बरपाता है, लार्वा नष्ट करने के सैकड़ों अभियान चलते हैं। लेकिन बरसात बाद डेंगू का असर नहीं रुकता। डेंगू के मामले तेजी से बढ़ते हुए देखे जा रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक अस्पतालों में डेंगू मरीजों की संख्या बढ़ रही है, हालांकि ज्यादातर लोग आसानी से ठीक होकर घर लौट रहे हैं। गंभीर रोग का खतरा सिर्फ उन्हीं में देखा जा रहा है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है।
वर्ष 2012 में सैकड़ों मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई थी। हालांकि उस समय जिले में डेंगू जांच के इंतजाम नहीं थे। स्वास्थ्य विभाग बाहर की लैबों में ही सैंपल भेजता था। वर्ष 2021 में भी डेंगू ने तांडव मचाया था, 230 मरीजों के एलाइजा टेस्ट पॉजिटिव आए थे, स्वास्थ्य विभाग ने इन मरीजों में डेंगू माना था। हालांकि प्राइवेट अस्पतालों के आंकड़े इनसे कई गुना थे।
सीएमओ डॉ.सुनील त्यागी- ने बताया की तापमान गिरने और लगातार लार्वा नष्ट करने के अभियान से जिले में अब डेंगू का असर नहीं है। एक सप्ताह से कोई नया केस नहीं मिला है। डेंगू की रोकथाम को लेकर अगले साल का प्लान तैयार किया जाएगा।