जनपद हापुड़ के गढ़ रोड स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मंगलवार को सीटी स्कैन कराने के लिए करीब 150 मरीज पहुंचे, सेंटर के बाहर लंबी लाइन लगने से हंगामा हो गया, यही हालत अल्ट्रासाउंड सेंटर पर रही।
सीएचसी अधीक्षक ने चिकित्सकों को बुलाकर नाराजगी जताई, ऐसे मरीजों को जिला अस्पताल रेफर करने के निर्देश दिए, साथ ही कहा कि जिला अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सक जिसके लिए सीटी स्कैन लिखें सिर्फ उसी का कराया जाए। झोलाछापों के किसी पर्चे पर चिकित्सक सीटी या अल्ट्रासाउंड न लिखें।
ओपीडी में पहुंचने वाले मरीज लगातार चिकित्सकों पर सीटी स्कैन कराने का दबाव बनाते रहे, लेकिन चिकित्सकों ने एक या दो दिन बाद आने की बात कह उन्हें टरकाना शुरू कर दिया।
ऐसे में मरीज जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों से सिफारिशें कराने लगे, मामला बढ़ा तो सीटी करने वाले भी परेशान हो गए और कुछ देर के लिए सेवा बाधित हो गई।
इसी बीच हंगामा बढ़ता देख, सीएचसी अधीक्षक सीटी स्कैन चैंबर में पहुंचे, वहां रखे पर्चों को देख वह दंग रह गए। उन्होंने ओपीडी कर रहे सभी चिकित्सकों को बुलाकर, कहा कि इतने सीटी स्कैन से मशीन खराब होने का खतरा है, साथ ही मरीजों की जान पर भी खतरा है।
क्योंकि कई पर्चे ऐसे थे, जिसमें मरीजों ने सिर्फ सिर दर्द बताकर ही सीटी स्कैन लिखवा लिया था। ऐसे मरीजों के पर्चे वापस कर दिए गए और नए पर्चे भी नहीं बनाए गए।
सीएचसी अधीक्षक डॉ. दिनेश खत्री ने चिकित्सकों से कहा कि जो मरीज लगातार सीटी कराने का दबाव बनाएं, उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दो, चिकित्सकों ने डेट देने की सलाह दी, लेकिन अधीक्षक ने ऐसा करने से मना कर दिया। उनका कहना था कि जिला अस्पताल के विशेषज्ञ मरीज की हालत देखकर ही सीटी आदि के लिए प्रेषित करेंगे।
सीएमओ- डॉ. सुनील त्यागी ने बताया कि मरीज अपने स्तर से सीटी स्कैन का दबाव न बनाएं, क्योंकि यह सेहत के लिए अच्छी नहीं है। हानिकारक किरणें शरीर को नुकसान पहुंचाती हैं। चिकित्सक जब जरूरी समझें तभी सीटी स्कैन कराएं।