जनपद हापुड़ के सरकारी अस्पतालों में मोतियाबिंद के मरीज बढ़ रहे है मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए सरकारी अस्पतालों में वेटिंग चल रही है। हर सप्ताह 32 से 40 मरीजों के ऑपरेशन हो रहे हैं, देखा जाये तो महीने भर में 150 ऑपरेशन किए जा चुके हैं। जिला अस्पताल में निशुल्क सुविधा है, वही प्राइवेट अस्पतालों में हजारों रुपये तक का खर्चा आ रहा है। इसके अलावा आंखों में एलर्जी और संक्रमण के मरीज भी बढ़ गए हैं।
आंखों के ऑपरेशन के लिए मरीज फरवरी या मार्च का मौसम चुनते हैं। क्योंकि इन महीनों में गर्मी अधिक नहीं होती। आंखों पर पसीना नहीं आने के कारण जख्म आसानी से भर जाता है। इसी कारण फरवरी से अब तक सरकारी अस्पतालों में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए मरीज लाइन लगाकर आ रहे हैं।
जिला अस्पताल में सर्जरी के लिए दो नेत्र सर्जर नियुक्त हैं, जो सप्ताह में मंगलवार, बुधवार, बृहस्पतिवार और शुक्रवार को ऑपरेशन कर रहे हैं। एक दिन में आठ से दस ऑपरेशन किए जा रहे हैं। हर सप्ताह 32 से 40 मरीजों के ऑपरेशन हो रहे हैं। जिला अस्पताल में निशुल्क सुविधा है।
लैंस की गुणवत्ता को चिकित्सक अच्छी बता रहे हैं, हालांकि इससे कहीं अधिक ऑपरेशन प्राइवेट अस्पतालों में हो रहे हैं। प्राइवेट अस्पतालों में हजारों रुपये तक का खर्चा आ रहा है, जहां एक लैंस की कीमत 12 हजार रुपये से शुरू होकर काफी ऊंचे दामों तक हैं।
नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. अतुल आनंद- का कहना है की जिले में मोतियाबिंद के ऑपरेशन वाले मरीजों की संख्या फरवरी और मार्च महीने में बढ़ी है। रोजाना आठ से दस मरीजों की सर्जरी की जा रही है। इसके अलावा सामान्य ओपीडी में भी नेत्र रोगियों की संख्या काफी बढ़ गई है।