हापुड़ जिले की 36 सहकारी समितियों से 88 गांवों को हटाकर 15 नई समितियां बनाने के प्रस्ताव को शासन ने स्वीकार कर लिया है। बदनौली समिति के गठन के साथ ही मेरठ से जुड़े जिले के पांच गांवों को हापुड़ में ही शामिल कर लिया गया है। ऐसे में हजारों ग्रामीणों को बड़ी राहत मिली है।
सहकारिता विभाग से जुड़ी 36 सहकारी समितियों में से हर एक का दायरा 15 से 33 गांवों तक फैला हुआ है। कुल 1.20 लाख सदस्य इन समितियों से जुड़े हैं, जिन्हें ऋण, खाद, कीटनाशक समेत अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं। प्रत्येक समिति पर हजारों सदस्य होने के कारण उनकी समस्याओं का निस्तारण भी आसान नहीं होता।
ऐसे में सुविधाओं के सरलीकरण को लेकर हर न्याय पंचायत स्तर (कुल 49) पर एक-एक सहकारी समिति बनाए जाने का प्रस्ताव अधिकारियों ने तैयार किया था। शासन में इस प्रस्ताव को हरी झंडी मिली है, जिससे हजारों ग्रामीणों तक सुविधाएं पहुंचेगी। प्राथमिकता पर सबसे पहले बदनौली को सहकारी समिति का दर्जा दिया गया है। इस समिति से हापुड़ के गांव दादरी, जोगीपुरा, दस्तोई, सरावा, अमीपुर नंगौला को जोड़ा गया है, ये गांव पहले मेरठ की कैली समिति से जुड़े थे, जबकि इन गांवों का जिला हापुड़ है। ऐसे में हजारों ग्रामीणों को बड़ी राहत मिली है।
एआर कोऑपरेटिव प्रेमशंकर- ने बताया की जिले में 15 नई सहकारी समिति बनाने का प्रस्ताव शासन में भेजा है। बदनौली समिति के गठन को हरी झंडी मिल गई है, बाकी 14 समितियों का गठन भी लगभग तय है।