हापुड़ जिले की हवा को आज भी 1082 पुराने वाहन दूषित कर रहे हैं। एआरटीओ ने इन 15 साल पुराने पेट्रोल और डीजल वाहन स्वामियों को नोटिस दिए हैं। 90 दिन के अंदर एनओसी न लेने पर वाहनों का पंजीयन निलंबित करने के साथ ही इन्हें स्क्रैप किया जाएगा।
वायु प्रदूषण का दुष्प्रभाव बढ़ता जा रहा है। परंतु इसके विरुद्ध जागरूकता के अभाव में सबकुछ जानते हुए भी हम इसकी गंभीरता को समझना नहीं चाहते।एनसीआर में प्रदूषण की रोकथाम के लिए 15 साल पुराने पेट्रोल और डीजल वाहनों के संचालन पर रोक है। इसके बाद भी नियमों का दरकिनार कर लोग इन वाहनों का संचालन कर रहे हैं। ऐसे 1082 वाहनों को उपसंभागीय कार्यालय ने चिह्नित करते हुए नोटिस भेजे हैं।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेशानुसार पुराने वाहन हवा को अधिक दूषित करते हैं। इसलिए दिल्ली-एनसीआर के क्षेत्र में इनके संचालन पर प्रतिबंध है। हापुड़, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, मेरठ, बुलंदशहर आदि जिले भी एनसीआर क्षेत्र में शामिल हैं। यह वाहन अब एनसीआर को छोड़कर प्रदेश के 34 जिलों में ही संचालित हो सकेंगे।
जिन वाहनों को चिह्नित किया गया है, उनमें से लगभग सभी वाहन गाजियाबाद और दूसरे जनपदों में पंजीकृत हैं। हापुड़ जिला पहले गाजियाबाद का हिस्सा था। वर्ष 2011 में हापुड़ को अलग जिला बनाया गया था। इस कारण ही अधिकतर वाहन गाजियाबाद जिले में पंजीकृत हैं।
एआरटीओ प्रशासन छवि सिंह- ने बताया की 15 साल पुराने 1082 पेट्रोल व डीजल वाहन के स्वामियों को नोटिस दिया गया है। एनओसी न लेने और वाहनों को स्क्रैप न कराने पर इनका पंजीयन निलंबित कर दिया जाएगा।