जनपद हापुड़ में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/त्वरित न्यायालय प्रथम ने सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर एक युवती के साथ दुष्कर्म करने के मामले में मंगलवार को निर्णय सुनाया। जिसमें कोर्ट ने मामले के आरोपी को दुष्कर्म का दोषी करार देते हुए 10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दोषी पर अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड में से 50 प्रतिशत धनराशि पीड़िता को देने के आदेश दिये है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता मुकेश कुमार त्यागी ने बताया कि थाना मोदीनगर क्षेत्र निवासी एक युवती ने गढ़मुक्तेश्वर कोतवाली में तहरीर दी। जिसमें उसने कहा कि उसके द्वारा बीए फाइनल वर्ष 2005 में पास की थी। कुछ समय पहले वह मोदीनगर निवासी अपनी मौसी से मिलने के लिए गई। जहां पर उसकी मुलाकात कस्बा आर्दशनगर थाना मोदीनगर, जिला गाजियाबाद निवासी राजपाल त्यागी पुत्र चंद्रभान त्यागी से हुई।
आरोपी ने उससे कहा कि वह उसे सरकारी क्लर्क के पद पर किसी विद्यालय में नौकरी दिला सकता है। जिसके लिए पांच लाख रुपये देने होंगे। पीड़िता ने पचास-पचास हजार रुपये चार बार में आरोपी को दे दिए। जिसके बाद आरोपी ने दस नवंबर 2018 को उससे कहा कि तुम्हारी नौकरी के बारे में एक अधिकारी से बात करनी है। जिसके लिए तुम्हे मेरे साथ ब्रजघाट चलना पड़ेगा।
पीड़िता आरोपी की बातों पर विश्वास करके उसके साथ ब्रजघाट चली गई। जहां पर आरोपी पीड़िता को एक धर्मशाला के कमरे में ले गया। कमरे में आरोपी ने उसे तमंचा दिखाकर जान से मारने की धमकी देते हुए उसके साथ दुष्कर्म किया। आरोपी उसे एक कार में वापस ले जाने लगा।
पीड़िता ने रास्ते में अल्लाबख्सपुर टोल प्लाजा के पास शौच जाने के लिए आरोपी से कहा। जिस पर आरोपी ने कार रोक दी और वह शौच करने के बहाने मौके से भाग गई। कुछ समय बाद उसने रोड पर आकर किसी व्यक्ति के मोबाइल से अपने मामा के लड़के को फोन किया और घटना के बारे में बताया।
जिसके बाद उसके परिजन मौके पर पहुंचे और उसे लेकर थाने पहुंचे। जहां पर पुलिस ने मामले की दुष्कर्म सहित विभिन्न धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किए।
मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/त्वरित न्यायालय प्रथम में चल रही थी। उनके द्वारा न्यायालय में मजबूत साक्ष्य व कई गवाह पेश किए। उन्होंने न्यायालय से कहा कि आरोपी ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म जैसा गंभीर अपराध किया है। इसलिए आरोपी को अपराध की प्रकृति देखते हुए अधिकतम दंड से दंडित किया जाए।
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/त्वरित न्यायालय प्रथम में चल रही मामले की सुनवाई में न्यायधीश ने दोनों पक्षों की तर्क को सुनने के बाद आरोपी राजपाल त्यागी को दुष्कर्म का दोषी बताया।
न्यायधीश ने आरोपी को दुष्कर्म का दोषी करार देते हुए दस वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। साथ ही दोषी पर 22 हजार रुपये का अर्थदंड की भी सजा सुनाई। 22 हजार के अर्थदंड में से 50 प्रतिशत धनराशि पीड़िता को देने के आदेश दिये है। अर्थदंड जमा न करने पर दोषी को एक वर्ष एक माह का अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।