जनपद हापुड़ में 18 माह के बच्चे का अपहरण करने के मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट कोर्ट ने मात्र आठ माह की सुनवाई के बाद सोमवार को निर्णय सुनाया। जिसमें न्यायालय ने आरोपियों को दोषी करार देते हुए 10-10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। साथ ही दोषियों पर अर्थदंड भी लगाया।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता मुकेश कुमार त्यागी ने बताया कि राखी ने गढ़मुक्तेश्वर कोतवाली में एक तहरीर दी। जिसमें उसने कहा कि वह मूल रुप से छजलेट के गांव सदुपुरा जनपद मुरादाबाद की निवासी है। 14 अगस्त 2022 वह, उसके पति मित्रपाल और उनका 18 माह का पुत्र राजकुमार घर पर सो रहे थे। रात्रि करीब दो बजे वह पानी पीने के लिए उठी तो उसने देखा कि उनका पुत्र राजकुमार चारपाई पर नहीं है।
पुलिस ने जांच कर मामले में रोदास उर्फ रोहताश पुत्र बाबूराम, अवधेश व ओमदत्त निवासीगण गांव करनपुर खादर आदमपुर अमरोहा, रिंकू उर्फ राजेंद्र कुमार पुत्र हरप्रसाद निवासी लखौरी जलालपुर, नखासा संभल, विपिन कुमार शर्मा पुत्र रामेश्वर प्रसाद निवासी कोटा पूर्वी कस्बा, थाना ब जिला संभल, वैभव शर्मा व सोनी शर्मा निवासी गण मोहल्ला कटोराताल कस्बा व थाना काशीपुर, जिला उधमसिंह नगर, उत्तराखंड को आरोपी बनाया।
न्यायाधीश उमाकांत जिंदल ने दोनों पक्षों को तर्क को सुना। पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट कोर्ट ने आरोपी रोदास, रिंकू, विपिन कुमार शर्मा व वैभव शर्मा को 18 माह के बच्चे का अपहरण करने के मामले में दोषी करार देते हुए 10-10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई।
साथ ही प्रत्येक दोषी पर 35-35 हजार रुपये का अर्थदंड की भी सजा सुनाई। अर्थदंड जमा न करने पर दोषियों को 10-10 माह का अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।