हापुड़ में 27 वर्ष बाद 14 जनवरी को पुष्य नक्षत्र में मकर संक्रांति पर्व मनाया जाएगा। इसके साथ ही पांच वर्ष बाद इस बार 14 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी। सुबह 9:02 बजे से सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे।
14 जनवरी 2025 को मकर संक्रांति का पावन पर्व पूरे भारतवर्ष में मनाया जाएगा। सनातन धर्म में मकर संक्रांति के पर्व का विशेष महत्व होता है। इस बार मकर संक्रांति माघ महीने के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाएगा। कई वर्ष के बाद इस बार यह संयोग आया है जब मकर संक्रांति का त्योहार माघ महीने में मनाया जाएगा। ऐसे में इस वर्ष मकर संक्रांति पर स्नान-दान का बहुत लाभप्रद माना गया है।
ज्योतिषाचार्य पंडित संतोष तिवारी ने बताया कि मकर संक्रांति पर्व हिंदू त्योहारों में सबसे मुख्य पर्व माना जाता है। सूर्य भगवान इस दिन दक्षिणायन से उत्तरायण में प्रवेश करते हैं। उत्तरायण काल में प्रत्येक शुभ कार्य पूजा-पाठ, धर्म अनुष्ठान, यज्ञ, विवाह, गृह प्रवेश आदि का शुभारंभ हो जाता है। माघ शुक्ल सप्तमी को ही सूर्यदेव सर्वप्रथम अपने रथ पर सवार हुए थे, इसलिए माघ मास में ही यह पर्व विशेष रूप से मनाया जाता है।
मान्यता है कि मकर संक्रांति पर सूर्य देव अपने पुत्र शनि देव से मिलने के लिए आते हैं। क्योंकि मकर के स्वामी शनि है और सूर्य शनि का समागम होने के कारण भी यह पर्व विशेष है। इस दिन गंगा में स्नान करना भी विशेष महत्व है। मकर संक्रांति पर खिचड़ी, तिल, उड़द, सतनजा, नमक, रुई, अक्षत पूर्ण पात्र, कंबल, ऊनी आसन, पादुका, स्वर्ण, गोदान, विद्यादान, आदि अनेक प्रकार के दान पुण्य कई गुना फल देने वाले होते हैं।
उन्होंने बताया कि मकर संक्राति पर्व के दिन सुबह 9:02 बजे से सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे, इसका पुण्य काल सुबह 9 बजे से शाम 6:45 बजे तक रहेगा। सुबह 10:17 बजे से पुष्य नक्षत्र का आरंभ हो जाएगा, जो सभी नक्षत्र में श्रेष्ठ बताया गया है। इसीलिए यह उत्सव महत्वपूर्ण है।